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तेरे मेरे प्यार की बातें / लव कुमार 'प्रणय'
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तेरे मेरे प्यार की बातें
बन जायें संसार की बातें
अधरों को जब भी मैं खोलूँ
गाऊँ अपने यार की बातें
खुशियाँ ही खुशियाँ छाई हैं
हो जायें त्यौहार की बातें
मेरे अपने दूर बहुत हैं
कैसे हों मनुहार की बातें
सावन -भादों के मौसम में
मन भायें दिलदार की बातें
आओ बैठो पास हमारे
करनी हैं सिंगार की बातें
बहुत दिनों में मीत मिले हो
कर लें कुछ घरवार की बातें