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तेलचघी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

(1)

तोरे ददा बाबू देसपति के राजा
अउ काहे गुन रहे गा कुंवारा
हरदी के देस दीदी
हरदी महंगा भइगे, अउ परी सुकाल भइगे
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
करसा के देस दीदी
करसा महंगा भइगे, बिजना सुकाल भइगे
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
हरदी के देस दीदी
चाउंर महंगा भइगे, अउ पर्ण भइगे सुकाल
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
करसा के देस दीदी
मंगरोहन महंगा भइगे, गुड़रा भइगे सुकाल
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा

(2)

पहार ऊपर
पहार ऊपर मोर धानर बाजे
पेरि देबे तेलिया मोर कांचा तिली के तेल
कोन तोर लाने नोनी अटना के हरदी
पटना के हरदी बने
कोन तोर सिरही चढ़ाये, चंदन रूप अगनी
सजन घर मड़वा गड़े
ददा तोर लाने नोनी अटना के हरदी
पटना के हरदी बने
दाई तोर सिरही चढ़ाये, चंदन रूप अगनी
सजन घर मड़वा गड़े

(3)

सुरहिन गइया के गोबर मंगाले ओ
हाय, हाय मोर दाई खूंट धर अंगना लिपा ले ओ
खूंट धर अंगना लिपा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई मोतियन चौंक पुरा ले ओ
मोतियन चौंक पुरा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई सोने के कलसा मंढ़ाले ओ
सोने के कलसा मंढ़ाले ओ
हाय, हाय मोर दाई सोने के बतिया लगा ले ओ
सोने के बतिया लगा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई सुरहिन घीव जला ले ओ

(4)

हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो
कांचा तिली के तेल
कोने तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो
कांचा तिली के तेल
ददा तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो
दाई आनय तिली के तेल
कोन चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो
कोन देवय अंचरा के छांव
फूफू चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो
दाई देवय अंचरा के छांव
राम-लखन के मोर तेल चढ़त थे
बाजा के सुनव तुमन तान

(5)

कहां रे हरदी, कहां रे हरदी
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहां रे लिए अवतार
मरार बारी, मरार बारी
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
बनिया दुकाने दीदी लिएंव अवतार
कहां रे पर्रा, कहां रे पर्रा
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहां रे पर्रा तैं लिए अवतार
सिया पहार ऐ, सिया पहार ऐ
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
कंड़रा के घरे मैं लिएंव अवतार
हमरे हमरे दुलही राय बड़ सुकुमारी
पेरि देबे तेलिया ओ कांचा तिली के तेल

(6)

एके तेल चढ़गे कुंवरि पियराय ।
दुवे तेल चढ़गे महतारी मुरझाय ।।
तीने तेल चढ़गे फूफू कुम्हलाय ।
चउथे तेल चढ़गे मामी अंचरा निचुराय ।।
पांचे तेल चढ़गे भईया बिलमाय ।
छये तेल चढ़गे भउजी मुसकाय ।।
साते तेल चढ़गे कुंवरि पियराय ।
हरदी ओ हरदी तैं साँस मा समाय ।।
तेले हरदी चढ़गे देवता ल सुमरेंव ।
मंगरोहन ल बांधेव महादेव ल सुमरेंव ।।

(7)

एक तेल चढ़गे~
एक तेल चढ़गे, हो हरियर हरियर
हो हरियर हरियर
मंड़वा मे दुलरू तोर बदन कुम्हलाय~~
रामे-वो-लखन के
रामे-वो-लखन के दाई तेल वो चढ़त हे
दाई तेल वो चढ़त हे
कहवा के दियना दीदी करथे अंजोर~~

आमा अमली के~
आमा अमली के दाई सीतल छईहां
दाई सीतल छईहां
कर देबे फूफू तोर अंचरा के छांव~~
दाई के अंचरा
दाई के अंचरा वो अगिन बरत हे
हो अगिन बरत हे
फूफू के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय~~

काकी के अंचरा
काकी के अंचरा दाई अगिन बरत हे
दाई अगिन बरत हे
मामी के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय~~
डोंगरी पहारे
डोंगरी पहारे दीदी घनरा चलत हे
दीदी घनरा चलत हे
पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~

रामे-वो-लखन के
रामे-वो-लखन के दाई तेल वो चढ़त हे
दाई तेल वो चढ़त हे
पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~
हमरे दुलरवा
हमरे दुलरवा नई बांधे मऊरे
नई बांधे मऊरे
नई सहे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~