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तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ / सुंदरदास

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तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ।

दीपक जरताँ सब कहै, भारी अजरज होइ॥

भारी अचरज होइ, जरै लकरी अरु घासा।

अग्नि जरत सब कहैं, होइ यह बडा तमासा॥