भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तैयारी / राजेश शर्मा ‘बेक़दरा’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तैयारी
उड़ने से पहले,
परिंदे मजबूत कर लेते है,
अपने परों को

हम भी,
मजबूत कर लेते है खुद को,
कुछ रिश्ते छोड़ने से पहले...