तोंय दुनियाँ से गेलेहॅ हे / कस्तूरी झा 'कोकिल'
तोंय दुनियाँ से गेलेहॅ हे! हमरा विसरैलेहैॅ
की कसूर छै हमरॅ है कुछ नै बतलैलेहेॅ?
गहन कक्ष में तीन दिन रहलेहेॅ
मृत्यु दूत सें युद्ध मचैलेहे,
माघ द्वादशी रात अंधेरी
नैं सूझलौहें तें तोंय हारलेहेॅ।
देखी लेलिये सब उपाय केॅ कुछ नैं बाँकी बचलै हे।
हमरा बिसरै लेहेॅ।
पति के साथें परिजन सबटा
कपसी-कपसी कानै रहौॅ।
नूनँ तोरोॅ प्राण पियारीॅ
दादी-दादी हाँकै रेहौं
चारो बेटी दोनों पूतोहू हुँकरी-हुँकरी कानलौंह हेॅ
हमरा बिसरै लेहेॅ।
झॉसी वाली वीर बहादुर
अन्त-अन्त तक लड़लौहॅे जी।
अस्सी वरस कुँवर सिंह लड़लै
एकवरस तोंय बढलौह जी।
देह पंच तत्व में मिल लौहेॅ, सुयश पतका उड़लौहॅ जी
हमरा बिसरै लेहेॅ।
की कसूर छै हमरेॅ हे कुछ नै, बतलैॅ लेहॅ
तोंय दुनियाँ से गेलैहॅ, हे हमरा विसरै लेहे।
04/05/15 पूर्वाह्न 11.30