गुरूजी के हाथों में चॉक है
बच्चों के हाथों में
भारी-भरकम पोथे ।
चलती है चॉक
और देखते ही देखते
भर जाता है श्याम-पट्ट।
शिक्षक सुनाते हैं
शास्त्रों का सार
कक्षा में
बच्चे लिख डालते हैं
गृहकार्य में ।
अभी अधूरी है कहानी
ज्ञानातुर बच्चे
बदल जाते हैं तोतों में
तोते जो हरी मिर्च नहीं खाते
तोते जो उडऩा नही जानते
तोते जो सपने नही देखते।
पीछे हांफ रहा है अहेरी
सपने बांट रहा है अहेरी
अहेरी और तोतों की दास्तां ही
आज की शिक्षा है।