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तोरा बिना जिनगी उदास लागै छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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तोरा बिना जिनगी उदास लागै छै।
पूसोॅ रॅ पछिया बतास लागै छै।
तोहें जब ताँय छे छेल्हौ।
हुलास लागै छेलै।
तोहें जब ताँय छेलहौ।
सुवास लागै छेलै।
तोरा बिना पवन उनचास लागै छै।
तोरा बिना जिनगी उदास लागै छै।
पूसोॅ रॅ पछिया बतास लागै छै।
तोहें जब ताँय छेल्हौ,
रंगीन लागै छेलै।
दुनियाँ रॅ सब कुछ,
हँसीन लागै छेलै।
तोरा बिना सगरोॅ खटास लागै छै।
तोरा बिना जिनगी उदास लागै छै।
पूसोॅ रॅ पछिया बतास लागै छै।
तोहें जब ताँय छेल्हौं
सत्कार लागै छेलै।
सुनतें मधुर बोली
व्यवहार लागै छेलौ।
तोरा बिना हमरा उपहास लागै छै।
तोरा बिना जिनगी उदास लागै छै।
पूसोॅ रॅ पछिया बतास लागै छै।