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तोरा बिना जिनगी बेजान लागै छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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तोरा बिना जिनगी बेजान लागै छै।
तोरा बिना सुन-सुन मकान लागै छै।
इन्तजार में साल गुजरतै,
पचपन दिन अब बाँकी छै।
विरह वेदना काँटा भोंकै।
रंग बिरंगी झाँकी छै।
नीम सनक तीता पकवान लागै छै।
तोरा बिना जिनगी बेजान लागै छै।
तोरा बिना सुन-सुन मकान लागै छै।
खाय केॅ नहाय केॅ
कोनों ठिकानों नैॅ।
घूमै केॅ फिरै केॅ
कोनों रूझानों नैॅ।
मिलना असंभव मुस्कान लागै छै।
तोरा बिना जिनगी बेजान लागै छै।
तोरा बिना सुन-सुन मकान लागै छै।
साथ वाला दिन आय ताँय
भूलतें नैं भूलै छै।
पिछलका तस्वीर सब,
आँखीॅ में झूलै छै।
फीका-फीका, दिन रात विहान लागै छै।
तोरा बिना जिनगी बेजान लागै छै।
तोरा बिना सुन-सुन मकान लागै छै।

11/12/15