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तोरा बिना जीवन अधूरा लागै छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'
Kavita Kosh से
तोरा बिना जीवन अधूरा लागै छै।
तोरा बिना फीका कंगूरा लागै छै।
सपत्नीक देखी के आबे छै याद,
असंभव फेॅनू से होना आबाद।
दिल केॅ मचौड़ै छै बीतलेॅ सब बात
दवा-दारु करतै केॅ सुनतै फरियाद?
तोरा बिना गुमसुम जूरा लागै छै।
तोरा बिना फीका कंगूरा लागै छै।
छोटेॅ रात गर्मी केॅ
पहाड़ लगै छै।
बड़का दिन हमारा
उजाड़ लागै छै
तोरा बिना जीवन जबूरा लागै छै।
तोरा बिना सब कुछ अधूरा लागै छै।
सूतै के जागै केॅ
कोनों ठिकानों नैं।
नहाय के खाय के
कोनों रिझानों नैं।
तोरा बिना असकल्लोॅ छूरा लागै छै।
तोरा बिना जीवन अधूरा लागै छै।
तोरा बिना फीका कंगूरा लागै छै।
30/05/2015