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तोरा बिना जीवन जंजाल लागै छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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तोरा बिना जीवन जंजाल लागै छै,
तोरा बिना जीवन कंगाल लागै छै।
सूना-सूना दिन हरदम।
सूनी-सूनी रात।
गर्मी में लू लागै।
बरसा आघात।
जाड़ा निर्मोही चंडाल लागै छै।
तोरा बिना जीवन जंजाल लागै छै।
तोरा बिना जीवन कंगाल लागै छै
फागुन में मंजरिया
गमकैॅ बगान।
कोयलिया जब कूकैतॅ
ले छै परान।
घोरेॅ बिछौना बंगाल लागै छै।
तोरा बिना जीवन जंजाल लागै छै।
तोरा बिना जीवन कंगाल लागै छै।
होली में फीका
बाजार लागै छै।
ढोलक मंजीरा।?
खूँखार लागै छै।
अंगना में घोलटलॅ गंगाल लागै छै।
तोरा बिना जीवन जंजाल लागै छै।
तोरा बिना जीवन कंगाल लागै छै।

17/06/15 दोपहर साढ़े तीन बजे