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तोरोॅ लगैलोॅ गाछ / बिंदु कुमारी

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बाबूजी
तोॅ जे पौधा लगैने छेलोॅ आपनोॅ ऐंगना में
देलें छेलोॅ खाद आपनोॅ पेट काटी के
आरोॅ पटैले छेलोॅ जेकरा/आपनोॅ लहूँ, पसीना से।
आबे ऊ पौधा, पौधा नै/बड़ोॅ गाछ होय गेलोॅ छै।
ओकरोॅ कमजोर डार
आबेॅ फौलादो से टकराबै के
काबिल होय गेलोॅ छै।
ऊ छोटोॅ पौधा जेकरोॅ ऊँचाई कम छेलौं।
आबेॅ तेॅ मिट्ठोॅ फलोॅ दिये लागलोॅ छै।
मतुर कि पछताबै छै ऊ गाछ
कानै छै याद करि-करि तोरा लेॅ
कोसैं छै आपनोॅ भागों केॅ
कैहिने कि दै नै सकलकै तोरा कुच्छु
काश! अखनी ताय तोंय जित्तोॅ रहतियो
अखनी आपनोॅ लगैलोॅ पौधा केॅ
फूलते-फलते देखेॅ सकतिहो।