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तोरो उड़न-उड़न जीव होय रे बन्ना / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

तोरो उड़न-उड़न जीव होय रे बन्ना
इतनी धुपनऽ मऽ
तोनऽ कोका भरोसा घरऽ छोड़यो रे बन्ना
इतनी धुपनऽ मऽ
तोनऽ मैया भरोसा घरऽ छोड़यो रे बन्ना
इतनी धुपनऽ मऽ
तोनऽ बापऽ भरोसा घरऽ छोड़यो रे बन्ना
इतनी धुपनऽ मऽ
तोनऽ कोका भरोसा घरऽ छोड़यो रे बन्ना
इतनी धुपनऽ मऽ
तोनऽ काका भरोसा घरऽ छोड़यो रे बन्ना
इतनी धुपनऽ मऽ