तोहरे लेॅ रखलेॅ छेलाँ भाव केॅ जोगारी केॅ
ऐला तेॅ रक्खी देलौ ओकरै ही बोहारी केॅ
फूल देखोॅ तोहें गंधो केॅ भरोॅ साँसोॅ में
रोॅस चाखोॅ नै तोहे पंखुरी मोचारी केॅ
मंत्री ऐतात अभी महिना भरी देरी छै
कोठी रखलोॅ गेलोॅ छै कल्हे सें अजबारी केॅ
आँधी पानी रोॅ बड़ी जोर अबकी लागै छै
राखी ला अभिये सें छपरी केॅ तौहें छारी केॅ
कुर्सी पावी केॅ तोहें मोॅन हमरोॅ जारोॅ नै
कुर्सी देलेॅ छियौं ई देह आपनोॅ जारी केॅ
ओॅन जैतै विदेश सबटा केकरो राहत लेॅ
खेत देखै छै कोय्यो आरो कोय खमारी केॅ
हम्में आतंकवादी छोड़बै पकड़लोॅ सबटा
देखियै देश केना रक्खै छै सम्हारी केॅ
केना बचतै कहोॅ अमरेन्द्र कबूतर हमरोॅ
कोय बाजोॅ केॅ रखै, पोसै कोय शिकारी केॅ
-20.8.91