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त्रिशूल की चोटी के बगल / केशव तिवारी

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त्रिशूल की चोटी के बगल
श्याम पट के आकार पर
सुबह लिख रही है कुछ

कभी गंगोत्री हाट के
चोड़ियार गाँव से भी
खड़े होकर पढ़ो हिमालय