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त्वेन कब तक पढ़णू राण रै / धर्मेन्द्र नेगी

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अधा रात्यूं तक त्वेन कब तक आँखा मिनणू राण रै
त्वेन कब तक किताबों तैं कीड़ु सी चटणू राण रै
अधेड़ ह्वेगे तु छुचा त्वेन कब नौकरी पाण रै
म्यारा हुश्यारू त्वेन बुबा कब तक पढ़णू राण रै

अपणा स्कुल़्या दगड़्यों मा तू सब्यूं से चन्ट छयो
तभी त हमन स्कूल मा तेरो नौ होशियार धैरि छयो
त्वेन भि पढ़ै - लिखै मा सदानि पैलु नंबर पै छयो
हमतैं भि बुबा इलैइ त त्वेफर भारी गुमान छयो
पण नि छौ यु पता कि डिग्री-डिप्लोमोंन तेरी सिर्वणि बण जाण रै
म्या हुश्यारू........

तेरा दगड़्या जु दस पास कैरी फौज मा भर्ती ह्वेनी
हवल़दार सुबेदार बणी सि भग्यान रिटैर भि ह्वे गैनी
कुटदार ,देरादूण मा तौंकि बड़ि-बड़ि कोठी बणि गैनी
कतगै त भग्यान अब दुसरी नौकर्यूं पर भि लगि गैनी
त्वेन कब तक बैंक डाखानों मा फौरम भ्वरणू राण रै
म्यारा हुश्यारू........

गौं मुल्कs जु बिगच्यां छोरा पढ़ै-लिखै मा चुकपट रैनी
स्कुल़ा नौ पर जु दिनभर बुज्यूं गुच्छी खेलणा रैनी
जुआ खेलणा रैनी , अर दारु - भंगल़ु पीणा रैनी
आज सि प्रधान, प्रमुख, विधायक,मंत्री संत्री बणि गैनी
त्वेन कब तक यूं नेतों को झंडा- डंडा ब्वकणू राण रै
म्यारा हुश्यारू......

तेरा दगड़्या नमान सब्बि सि ब्यो-बन्ध वल़ा ह्वे गैनी
सब्यून देखी सि अपणि - अपणि घर गरस्थि बसै एनी
ब्वे-बुबा भग्यान तौंका सि नाति-नतेणों वल़ा ह्वे गेनी
हमारि मनै स्याणि - गाणि करीं की करीं रै गेनी
कब होण तेरो काल़ु मुण्ड लाटा त्वेन कब ब्वारी लाण रै
म्यारा हुश्यारू......

हमारि सरकार भि झणि किलै यन बौंहड़ प्वणी छ
पढ़्यां - लिख्यां बेरोजगारों बारा मा कतै नि स्वचणी छ
डिग्री धारी बेरोजगारों की फौज खड़ि करणी छ
जाणि बूझी यूं सब्यूं तैं अंध्यरा मा धक्यलणी छ
कबतैं ज्वान नौन्याल़ौंन ब्वे-बाबू पीठीम पल़ेणू राण रै
म्यारा हुश्यारून कबतैं यनि बेरोजगार बैठ्यूं राण रै
म्यारा हुश्यारू की यीं पढ़ै - लिखैन कब काम आण रै।