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थकना नहीं / येव्गेनी येव्तुशेंको
Kavita Kosh से
हिम्मत रखना प्रमथ्यु की तरह
जब आग का रहस्य चुरा लाया था वह,
थकना नहीं खिलाते-खिलाते
बाज को अपना कच्चा कलेजा ।
थकना नहीं, बने रहना अथक,
बने रहना अदम्य और निर्बाध,
थकना नहीं भलाई करते रहने से
बने रहना विनम्र और उदार ।
दीवानेपन से थकना नहीं
राह दिखाते रहना अपने विवेक को
आत्मदहन करने देना जीवन को
पर जलना नहीं पूरी तरह ।
थकना नहीं उन अपेक्षाओं में
जो कभी वास्तविकता बन न पाएँगी,
थकना नहीं अपने कष्टों से
अनुभव करते रहना कष्ट दूसरों के ।
थकना नहीं उन प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़ने से
जिनके उत्तर हैं ही नहीं,
इस निरुत्तरता में ही
निहित है उत्तर पहले से ।
जीवन के बाद होगा एक और जीवन,
पुन: आरम्भ होगा यौवन का,
अपनी अथक छाया से
जगाते रहना थके हुओं को ।