मैं चंचल बहते झरने सी
तुम शांत नदी की धारा
जैसे चूमे लहरे साहिल को
वैसे छू लो तुम दिल हमारा
थाम लो सजना हाथ हमारा......
मैं हूँ नयी खिलती कली सी
भरे दिल में नयी उमंग सी
राह तकूँ हर पल तुम्हारी
बन जाओ तुम बंसत हमारा
थाम लो सजना हाथ हमारा ....
मैं हूँ चपल बिजली सी चंचल
नयनो में भरे प्रीत की मधुशाला
तुम भटकते किसकी तलाश में
पढ़ ना सके क्यूं तुम मन हमारा
थाम लो सजना हाथ हमारा ....
मैं जग-मग ज्योति आशा की
भर दूँ तेरे दिल में उजियारा
बसा लो मुझे अपने मन मंदिर में
छूटे ना अब यह साथ हमारा
थाम लो सजना हाथ हमारा ......
मैं हूँ धुन जैसे कोई प्रीत की
अधरो पर बजाति कोई बाँसुरी सी
हर पल बुनू गीत प्रीतम का प्यारा
तुम मेरे कान्हा ,राधा नाम हमारा
थाम लो सजना हाथ हमारा ......