राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बवड ये नवरंगीजी बातो ना खड़काव थालीजी,
बवड सभागीजी ना खड़काव थाली जी नहीं रे बजाव थालीजी,
बवड ना बड़काव थाली बा तो होसी सुथेरी जी।
बवड ये नवरंगीजी बातो ना खड़काव थालीजी,
बवड सभागीजी ना खड़काव थाली जी नहीं रे बजाव थालीजी,
बवड ना बड़काव थाली बा तो होसी सुथेरी जी।