भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

थिरकती है तृष्णा (कविता) / ओम पुरोहित ‘कागद’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

थिर थार पर
थिरकती है तृष्णा
दौड़ता है मृग
जलता है जल
टलता है जल


मरता है मृग
फाड़-फाड़ दृग
रहती है तृष्णा
देखता है थार
पूछता है थार;
कौन है बड़ा,
मृग
तृष्णा
या फिर मैं
जो रहूंगा थिर ।