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थूं-1 / रामेश्वर गोदारा ग्रामीण
Kavita Kosh से
थूं तूठी
म्हनै
म्हैं लूटी
थनै
इण तूठ-लूट रै बिच्चै
कितराक दिन
जीवांला अपां दोनूं
अर अपां रै बीचाळै रौ
औ दीठ्यौ-अणदीठ्यौ
सगळौ जड़-चेतण!