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थूं-4 / रामेश्वर गोदारा ग्रामीण
Kavita Kosh से
धरती,
आभै रै बीच बसै
अर आभै रै ई ताण-पाण
गुड़कावै है आपरौ गाडौ
पण औ कुण जाणै है
कठै बसै है
आभौ !
कुण बसै है
आभै मांय
अर किण रै ताण-पाण
गुड़कै है आभै रौ गाडौ
थां रा सगळा विमरस झूठा हैं !