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थे ई तो / सांवर दइया
Kavita Kosh से
हां ऽऽ
थे ई तो हो
माटी रै कण-कण में
सोरम बण समायोड़ा
थारै ई ताण है
होठां में हरफ
पगां में गति
नदी में वेग
पहाड़ में थिरता
थे ई पूगावो
ठाली बूली ठिठकारियोड़ी ठंडी रातां में
काळजियै निवास
थांरो नांव लेवतां ई
हो जावै
आंधी-बिरखा-लू रा जापता
थारै घर सूं मिलै
पखेरू नै पांख
मिनख नै आंख
माटी रा मालक
थां सूं मोटो कुण ?