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थे देखी होसी जांवती कदी ? / मंगत बादल
Kavita Kosh से
थे देखी होसी जांवती कदी ?
कठी नै गई,
बा लारली सदी !
जाबक डोकरी,
उमर ली पूरी सौ साल !
घणा ई झेल्या बापड़ी,
जुद्ध अर काळ ।
अखीर चली गई
रोती-धोती, कळपती,
हथियारां सूं लदी ।
बा लारली सदी ।
कीं करिस्मा
ग्यान-विग्यान रा
कीं खारी-मीठी याद,
कीं तोड़गी, कीं जोड़गी,
कीं फरमागी, कीं फरियाद
करगी,लारै छोडगी
कीं नेकी, कीं बदी!
बा लारली सदी।