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थे हुवो जणा घर, घर लागै / सांवर दइया
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थे हुवो जणा घर, घर लागै
नींतर भींतां सूं डर लागै
रैवो थे लुक’र जमानै सूं
ईं जमानै री निजर लागै
रुस्योड़ा हा, राजी होग्या
थांरी बात में असर लागै
थां सूं कांई छानै राखां
बिना कह्या थांनै खबर लागै
डील परस रो बखाण कांई
आ मुळक मीठी जबर लागै