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थोड़ा सा आदमी / गोविन्द माथुर
Kavita Kosh से
आदमी को होना चाहिए
थोड़ा सा हँसमुख
रहना चाहिए थोड़ा-सा लापरवाह
आदमी को होना चाहिए
थोड़ा सा बेईमान
बोलना चाहिए थोड़ा-सा झूठ
आदमी को होना चाहिए
थोड़ा-सा फूहड़
दिखना चाहिए थोड़ा-सा मूर्ख
आदमी को होना चाहिए
थोड़ा-सा रोमांटिक
करते रहना चाहिए थोड़ा प्रेम
आदमी को होना चाहिए
थोड़ा-सा आदमी
बचाए रखनी चाहिए थोड़ी-सी आदमियत