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थोड़ी सी आदमीयत / गोविन्द माथुर
Kavita Kosh से
आदमी बाज़ार से
ले आया फल और सब्ज़ियाँ
दे आया थोड़ी-सी ख़ुशियाँ
आदमी बाज़ार से
ले आया घी और तेल
दे आया थोड़ा-सा स्वास्थ्य
आदमी बाज़ार से
ले आया गेहूँ चावल दाल
दे आया थोड़ी-सी भूख
आदमी बाज़ार से
ले आया दवाइयाँ
दे आया थोड़ा-सा जीवन
आदमी बाज़ार से
कुछ नही लाया
बचा लाया थोड़ी-सी आदमियत।