भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दंगा : दो स्थितियाँ / मीठेश निर्मोही
Kavita Kosh से
1.
शब्द चिड़ियों से
तितलियाँ बन गए थे
खतरनाक मौसम की
खिड़कियों से
झाँकते हुए।
2.
सीढ़ियाँ उतर आई थी अजान
कीर्तन चौराहे-चौराहे
पसर गया था।