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दरअसल, यह कुछ इस तरह से है / नाज़िम हिक़मत
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दरअसल, यह कुछ इस तरह से है
खड़ा हूँ मैं राह दिखाती हुई रोशनी में,
भूखे हैं मेरे हाथ, खूबसूरत है दुनिया.
बाग का बड़ा हिस्सा नही पातीं मेरी आँखें
कितने आशापूर्ण हैं वे, कितने हरे-भरे .
एक चमकीली सड़क गुजर रही है शहतूत के पेड़ों से होकर
कैदखाने के अस्पताल की खिड़की पर खड़ा हूँ मैं.
दवाओं की गंध नहीं ले पा रहा मैं --
जरूर गुलनार के फूल खिल रहे होंगे कहीं आस-पास.
इस तरह से है यह :
गिरफ्तारी तो दीगर मसला है,
असल मुद्दा है हार न मानना.
अनुवाद : मनोज पटेल