दरवाज़े फिर से
गदराई ऋतुगन्धा
चितवनिया
सुमिरन में बीत गई
छलकन में
गागरिया रीत गई
खाती हिचकोले
सरगम की सारन्धा ।
विजनवती
थालियाँ परोस रही
किरन-फूल
जूड़े में खोंस रही
पाकर वरमाल
झुका गेहूँ का कन्धा ।
दरवाज़े फिर से
गदराई ऋतुगन्धा
चितवनिया
सुमिरन में बीत गई
छलकन में
गागरिया रीत गई
खाती हिचकोले
सरगम की सारन्धा ।
विजनवती
थालियाँ परोस रही
किरन-फूल
जूड़े में खोंस रही
पाकर वरमाल
झुका गेहूँ का कन्धा ।