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दरिया /गुलज़ार
Kavita Kosh से
इतनी सी उम्मीद लिये--
शायद फिर से देख सके वह, इक दिन उस
लड़की का चेहरा,
जिसने फूल और तुलसी उसको पूज के अपना
वर माँगा था--
उस लड़की की सूरत उसने,
अक्स उतारा था जब से, तह में रख ली थी!!