खबर है :
कि दिक् और काल से
पलायन कर गया वह
दर्द के हरे पेड़ में
एक बुझी
लालटेन टाँगकर
नींद की गोद में नदी को सोया
छोड़कर
रचनाकाल: संभावित १९६८
खबर है :
कि दिक् और काल से
पलायन कर गया वह
दर्द के हरे पेड़ में
एक बुझी
लालटेन टाँगकर
नींद की गोद में नदी को सोया
छोड़कर
रचनाकाल: संभावित १९६८