Last modified on 11 जनवरी 2011, at 12:36

दर्द के हरे पेड़ में / केदारनाथ अग्रवाल

खबर है :
कि दिक् और काल से
पलायन कर गया वह
दर्द के हरे पेड़ में
एक बुझी
लालटेन टाँगकर
नींद की गोद में नदी को सोया
छोड़कर

रचनाकाल: संभावित १९६८