भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दर्द / असंगघोष

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

दरख्तों की मानिन्द
देखता रहा मैं
वहशी दरिन्दों के हाथों
अपनी ही छाया में
किसी बेबस अबला को लुटते
इच्छाशक्ति के अभाव में
कुछ भी नहीं कर पाया मैं
और जख्म खाए दरख्त की तरह
केवल अपना ही दर्द सहता रहा।