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दसवीं कड़ी : नींद / प्रमोद कुमार शर्मा

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बियांस....
सोवणै रो भी टैम हुवै
कीड़ी-कागलां रै भी नितनेम हुवै
पण :
आपां तो सो अड़ंगो ई गाळ दियो
नींद नैं बजारां मांय उछाळ दियो
हमै-
बजार भांत-भंतीली नींद्या बेचै
कदै अंग्रेजी तो कदै हिन्द्यां बेचै
चाँद नैं मुलाय लियो सस्तै में
बणा-बणा’र बीं री बिन्द्यां बेचै
जकी ‘सत सुहागणा’
टटोळती रहवै विग्यापनां रै कबाड़ मांय
जे किरचो भी फंसज्यै बांरी जाड़ मांय
तो वै माउथ फ्रेशर स्यूं द्ग2ड्ड साफ करै
आटो जे लागज्यै बाळां रै
सैम्पू स्यूं तावळी-सी ‘जूं’ साफ करै
बांरी चामड़्यां ऊपर
रसायनां री कोजी लेदरी है
अर आ बात बडै भेद री है
कै बै उत्पाद-उत्पादकां रा नांव भी जाणै
अर जका बांनै बरतै बै गांव भी जाणै
उत्पाद, गाहक अर व्यौपारी
तीनां रै बिचाळै रिस्तो व्हैग्यो भारी
हमै बजार ई तै करसी
कै आपनैं कुणसी बीमारी है
अर किसी दवाई फिट रैसी
-हिट रैसी
बांरी तोप्योड़ी हरेक फिल्म
जिणरै मांयनै नूंवो जीवण-दर्सन हूसी
महान व्यौपारियां, कातिलां, ठगां अर चोरां रा
-लाइफवर्सन हूसी
जिणां नैं देख-देख आपां नैं
आपणो होंसलो बधाणो है
कै कियां आंरै कैयां स्यूं
आपणो घोंसलो गिराणो है
जिणरै मांयनै प्रळय पछै रा इंडा है
पण हमै कठै बो भटिंडा है
जिणरो पाताळ जुडिय़ोड़ो हो भटनेर ज्यूं
चीड़ी रै बोलतां ई सन्देसो पूगतो गजनेर स्यूं
भाखा रो अंतरलोक जागतो हो
आदमी-आदमी रै कीं लागतो हो
पंजाब स्यूं लेय’र अफगान तांई
मायड़ भाखा री सौरभ मुळकै ही
दर मजलां-दर कूचां काफिलै में टुळकै ही
पगां में घुंघरू बांध’र नाचती
बछड़ी दांई कूदती फिरै ही बाखळ-बाखळ
अर बण’र सिंघणी
मैदानां मांय जुद्ध रै मारती ही दाकळ
पण :
दरसाव बदळग्यो सारो
चाकी रा पाट न्यारा-न्यारा व्हैग्या
कील ऊपर माटी जमगी
हत्था लकड़ी रा कुंवारा व्हैग्या
कुण गावै परभाती पीसणै साथै
चूडिय़ां रा किनारा व्हैग्या
इण वास्तै-
बिकता सुपना देखूं नींदर मांय
घुट-घुट रैय जावूं मींदर मांय
धार मांय तिणकलै दांई बैय जाऊं
गंडकां बिचाळै मिनकै दांई रैय जाऊं
चूं भी ना करूं चीज्यां रै टूटण पर
लागी रैवूं दिन-भर पईसो कूटण पर
आतमा नैं मार ल्यूं-
अर संस्कृति रै साथै-साथै
भाखा भी उधार ल्यूं!!

नीं-नीं!
म्हनैं इसी नींद नीं चाइजै
जिणरै मांयनै नरकां रा भरूंटिया व्है
माया रा चरूंटिया व्है
अल्फाज नागा व्है
अर अरथ उघाड़ा
वाक्यां बिचाळै बेसरमी
अर पैरां बीच उजाड़ा
नीं-नीं!
म्हैं नींदर रै इण समंद नैं लाघूंली
अर तद तांई म्हारा बाळ नीं बांधूली
जद तांई म्हारी सौरभ अमर नीं व्है जावै
म्हारै खातर फेरूं अेक समर नीं व्है जावै।