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दस्तखत / कुंदन अमिताभ

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बार-बार केरऽ चेष्टा
दस्तखत में बदली गेलै
बार-बार केरऽ चेष्टा
केरऽ एत्तेॅ प्रभाव
कि आँगुरी खुद ब खुद
घुमलऽ चललऽ जाय छै
दस्तखत करै लेॅ हस्त
एत्तेॅ होय गेलै सिद्धहस्त
कि आँा मूनी केॅ भी
हुअेॅ पारेॅ दस्तखत
बार-बार केरऽ चेष्टा केरऽ एत्तेॅ प्रभाव
कि बार-बार केरऽ चेष्टो
अबेॅ बेकार होय रहलऽ छै
दस्तखत केरऽ स्वरूप
बदलै में।