दस लाख का जुलूस / माया एंजलो / अनुराधा सिंह
(माया एंजेलो की कविता ‘मिलियन मैन मार्च’ का अनुवाद)
रात बहुत लम्बी थी
ज़ख्म गहरे
गर्त अन्धेरी
और दीवारें खड़ीं
जब मैं मुर्दा नीले आसमान के नीचे
एक सुदूर समुद्र तट पर
चोटी पकड़ तुम्हारी पहुँच से बाहर घसीट ली गई
तुम्हारे हाथ बँधे थे और मुँह भी बंद था
कि तुम मेरा नाम तक न पुकार सके
तुम असहाय थे, और मैं भी
लेकिन दुर्भाग्य ! पूरे इतिहास भर
तुम्ही शर्मिन्दगी का तमगा पहने रहे
चाहे
रात बहुत लम्बी रही है
ज़ख्म गहरे
गर्त अन्धेरी
और दीवारें खड़ीं
लेकिन आज
हमारे पूर्वजों की आत्माएँ
वर्षों, सदियों ,
महासागरों और सागरों के भी पार से
हमसे प्रगाढ़ शब्दों में कहतीं हैं
एक दूसरे के समीप आ जाओ
और अपनी प्रजाति बचा लो
क्योंकि वे बहुत पहले ही
हमारी आज़ादी की कीमत अदा कर चुके हैं
वे कह रहे हैं कि
उनकी दासता की जंज़ीरें
बहुत पहले ही हमारी आज़ादी की कीमत चुका चुकीं हैं
भले ही रात बहुत लम्बी रही है
ज़ख़्म गहरे
गर्त अन्धेरी
और दीवारें खड़ीं
फ़िर भी
हम जिस नर्क में जिए
और जी रहे हैं
उसने हमारी चेतना को धारदार
इच्छा शक्ति को मज़बूत बना दिया है
इस लम्बी रात के बाद भी
सुबह मैं तुम्हारी व्यथा के रास्ते
तुम्हारी आत्मा में झाँक सकती हूँ
क्योंकि एक दूसरे का साथ देकर ही
हम अपने आप को सम्पूर्ण कर सकते हैं
मैं तो तुम्हारी मुद्रा और वेशभूषा
को भी दरकिनार कर
तुम्हारी बड़ी-बड़ी भूरी आँखों में
तुम्हारे परिवार के लिए
तुम्हारा प्यार पढ़ सकती हूँ
आओ, ताली बजाएँ और इस सभा स्थल पर एकसाथ आ जाएँ
आओ, ताली बजाएँ और एक दूसरे से प्रेमपूर्ण व्यवहार करें
आओ, उदासीनता की इस तुच्छ राह से ऊपर उठ आएँ
ताली बजाएँ अपने हृदय खोल दें
हम साथ आएँ अपनी आत्माओं का परिष्कार करें
हम साथ आएँ और प्राणों को शुद्ध करें
ताली बजाएँ, अब आत्मस्तुति बन्द करें
और अपने इतिहास को दोहराने का ढोंग न करें
ताली बजाएँ हाशिये पर खिसक गईं पूर्वजों की आत्माओं का आह्वान करें
ताली बजाएँ और अपनी बातचीत में प्रसन्नता शामिल करें
अपने शयनकक्षों में शिष्टता
रसोईघरों में सभ्यता
पालनाघरों मे सौम्यता और देखभाल लाएँ
हमारे पूर्वज हमें याद दिला रहे हैं
कि भले ही हमारा इतिहास वेदनपूर्ण रहा है
हम गतिशील प्रजाति हैं
जो फिर उठ खड़ी होगी
और फिर और ऊँची उठेगी ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनुराधा सिंह