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दस हाइकू / भंवरलाल ‘भ्रमर’
Kavita Kosh से
(1)
सुख-सांपत
मिरग तिरसणा
जण-जण री
(2)
सदां ई हुवै
चावळ-दाळ भेळा
जुदा-कोकळा
(3)
नीं पड़ै आभो
आपरी ऊंची टांगां
सांभै, टींटोड़ी
(4)
सबद-काया
कलम री कोख सूं
झरतो इमीं
(5)
सांमै अंधारो
सूरज मांगै वोट
भोर खातर
(6)
काळी बादळी
आकास-बरगद
बूंदां रो आळो
(7)
जिकां नै चाया
जी सूं बेसी, बां ईज
बताया भूंडा
(8)
गावै बधावो
आयां, भोर-भायली
चिड़ी-कागला
(9)
सूरज-धरा
रमै लुकमीचणी
बादळी आयां
(10)
पड़गी भींतां
ईसकै री लाय में
भायां बिचाळै