दहेज गीत / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'
मैयो आ बाबू केॅ आँखी नै नीन छै
लोगें दहेजऽ में बेचै जमीन छै।
ऐलै फूटी जेॅ हमरऽ जवानी
मैयो के गोद आबेॅ भेलै बिरानी
सभै के आँखी ई पर्दानसीन छै। मै...
लाजें मरौं कोय मारै सिसकारी
केना केॅ चलबै, सगठे लाचारी
हँसी-हँसी सभै, कहै हंसीन छै। मै...
बाबू केॅ नीन नै माय झखमारी
मुँहो नै बोलै टुक-टुक निहारी
लागै छै यहेॅ जवानी दुर्दिन छै। मै...
बिना रे दहेजऽ के के भला पूछै
कतनो हँसीन छी के नाय रूठै
लागै ई दुनियाँ, केन्हो शौकीन छै-मै...
लिखी देॅ ‘मथुरा’ दर्दे कहानी
कत्तेॅ दिन जलतै बेटी सयानी
कटियो टा सोचऽ ई कैन्हऽ तोहीन छै-मै...
केकरा देखी ‘मथुरा’ हेमंे जीबै
कत्तेॅ रे घूंट हमें आंसू के पीबै
जानों तेजबै, रहतै जमीन छै-मै...
केकरऽ घरें नै बेटी सयानी
जलै-जलाबै के मिटै नै कहानी
लागै छै धरती, नेता विहीन छै-मै...