Last modified on 24 अगस्त 2018, at 02:39

दाँतों का ज़माना, प्यारे दाँत बचाना / शैलेन्द्र

दाँतों का ज़माना, प्यारे दाँत बचाना
कोई तोड़ दे या टूटें तो, पास हमारे आना
दाँतों का ज़माना

होश के तोते उड़ गए होते
दुखता जो होता प्यारे तेरा कोई जबड़ा
तकिया भिगोते, भूखे ही सोते
खींच के मारे होता घरवाली से झगड़ा
बैठे न रहते, रह-रहके कहते
जल्दी बुलाओ, जल्दी बुलाओ
खन्ना कहाँ है?
दाँतों का ज़माना …

पूरी पकौड़ी, खस्ता कचौड़ी
दाँत बिना ये तुझे दो कौड़ी के लगते
गन्ना ना चुसता, भुट्टा न चबता
माल के रहते दाने-दाने को तरसते
तुम फुफलाते, दौड़ते आते
दाँत बनाएँगे, दाँत बनाएँगे

(फ़िल्म - बेग़ाना 1963)