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दाँत / नासिर अहमद सिकंदर
Kavita Kosh से
मुंह के बत्तीस दाँतों में
जहाँ जहाँ खाली जगहें
या टूटे, मसूढ़े छोड़े दाँतों के स्थान
भर सकती वहाँ-वहाँ
गुस्से की किट-किट
झल्लाहट, झुंझलाहट
यहाँ टूथपेस्ट के विज्ञापन की मक्कार
हँसी नहीं ठहर सकती
बरखुरदार !