भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दाग़ / मेरे दिल में आज क्या है

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: साहिर लुधियानवी , गायक:किशोर कुमार                 

मेरे दिल में आज क्या है, तू कहे तो मैं बता दूँ
तेरी ज़ुल्फ़ फिर सवारूँ, तेरी माँग फिर सजा दूँ
मेरे दिल में ...

मुझे देवता बनाकर, तेरी चाहतों ने पूजा
मेरा प्यार कह रहा है, मैं तुझे खुदा बना दूँ
तेरी ज़ुल्फ़ फिर ...

कोई ढूँढ्ने भी आए, तो हमें ना ढूँढ़ पाए
तू मुझे कहीं छुपा दे, मैं तुझे कहीं छुपा दूँ
तेरी ज़ुल्फ़ फिर ...

मेरे बाज़ुओं मे आकर, तेरा दर्द चैन पाए
तेरे गेसुओं मे छुपकर, मैं जहाँ के ग़म भुला दूँ
तेरी ज़ुल्फ़ फिर ...