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दादी अम्माँ / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
हलवा खाने वाली अम्माँ,
लोरी गाने वाली अम्माँ ।
मुझे सुनातीं रोज़ कहानी,
नानी की हैं मित्र पुरानी ।
पापा की हैं आधी अम्माँ,
मेरी पूरी दादी अम्माँ ।