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दादी की कहानी / मुस्कान / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
रात हो गयी दादी अम्मा!
अब तो कहो कहानी।
जल्दी पान चबा लो
पी लो ठंढा-ठंढा पानी॥
हमें बताओ राजकुंवर को
मिला काठ का घोड़ा,
उस पर चढ़ कर कैसे था वह
सरपट सरपट दौड़ा।
कैसे नीलपरी ने जादूगर
को मूर्ख बनाया,
नगरवासियों ने खुश हो कर
उत्सव खूब मनाया।
कैसे हनूमान ने थी
लंका में आग लगा दी,
और आग ने कैसे सोने
की नगरी पिघला दी॥
दादी बोली-आज देश की
बच्चों सुनो कहानी।
सुनो कौन थे गाँधी बाबा
और झाँसी की रानी।
राजगुरू सुखदेव चंद्रशेखर
से अगणित हीरे,
हँसते हँसते फाँसी पायी
या पहनीं जंजीरें।
नेहरू भगत सुभाष जिन्होंने
दी कितनी कुर्बानी।
बच्चे युग-युग सुना करेंगे
इन की अमर कहानी॥