भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दादी भी स्मार्ट हुईं / जियाउर रहमान जाफरी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बदल गया है और जमाना
बदल गई हैं दादी भी
पहले वाली नहीं है बंदिश
मिली उन्हें आजादी भी

दादी हंसकर सेल्फी लेती
पोस्ट उसे फिर करती हैं
लाखों लाइक करते उनको
खूब फ्रेश वो रहती हैं

एटीएम में जाकर दादी
पैसे खुद ले आती हैं
और मोबाइल से खुद ही वह
बिजली बिल कटवाती हैं

दौर आज का जैसे बदला
दादी भी स्मार्ट हुईं
मॉल में जाकर शॉपिंग करतीं
नये भारत का पार्ट हुईं