भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दादू दयाल / परिचय
Kavita Kosh से
दादू दयाल जन्म अनुमानत: अहमदाबाद (गुजरात) में हुआ था। इनके जीवन वृत्तांत का पता नहीं चलता। गृहस्थी त्यागकर इन्होंने 12 वर्षों तक कठिन तप किया। गुरु-कृपा से सिध्दि प्राप्त हुई तथा सैकडों शिष्य हो गए। इनके 52 पट्टशिष्य थे, जिनमें गरीबदास, सुंदरदास, रज्जब और बखना मुख्य हैं। दादू के नाम से 'दादू पंथ चल पडा। ये अत्यधिक दयालु थे। इस कारण इनका नाम 'दादू दयाल पड गया। दादू हिन्दी, गुजराती, राजस्थानी आदि कई भाषाओं के ज्ञाता थे। इन्होंने शबद और साखी लिखीं। इनकी रचना प्रेमभावपूर्ण है। जात-पाँत के निराकरण, हिन्दू-मुसलमानों की एकता आदि विषयों पर इनके पद तर्क-प्रेरित न होकर हृदय-प्रेरित हैं।