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दास बाबू का लव लेटर / हरजीत सिंह 'तुकतुक'
Kavita Kosh से
सूरज दिन में चमक रहा है।
तू कहती है नाइट।
सही ग़लत मैं किसको पड़ना।
यू आर ऑल्वेज़ राइट।
तेरे स्विमिंग पूल से नैना।
हमको बस इनमे ही रहना।
डूब ना जाएँ, इसीलिए क्या,
कम रखी है हाइट।
सही ग़लत मैं किसको पड़ना।
यू आर ऑल्वेज़ राइट।
चिड़िया जितना पेट तेरा।
मोबाइल से कम वेट तेरा।
इसी लिए क्या कर रखी है,
फ़ास्ट फ़ूड से फ़ाइट।
सही ग़लत मैं किसको पड़ना।
यू आर ऑल्वेज़ राइट।