दास बाबू के ससुर जी,
बहुत एहतियात बरतते हैं ।
सारे काम फुलप्रूफ करते हैं।
जब उन्होंने दास बाबू को अपनाया।
यानि कि अपना दामाद बनाया ।
तो सबसे पहले उनका बीमा कराया।
पब्लिक ने पूछा,
भाई बीमा क्यों करा रहे हो।
क्या कोई नया रिवाज चला रहे हो।
ससुर जी बोले,
नहीं भाई, जब तक चलेगा, चलेगा।
उसके बाद बीमे का पैसा तो मिलेगा।