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दिखाई दिये यूँ कि बेख़ुद किया / मीर तक़ी 'मीर'
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दिखाई दिये यूं कि बेख़ुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
जबीं सजदा करते ही करते गई
हक़-ए-बन्दगी हम अदा कर चले
परस्तिश की यां तक कि अय बुत तुझे
नज़र में सभों की ख़ुदा कर चले
बहुत आरज़ू थी गली की तेरी
सो यां से लहू में नहा कर चले