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दिमाग खाली पेट में / नरेश सक्सेना
Kavita Kosh से
भूख से आँते सिकुड़ कर हो गईं छोटी
दिमाग आ गया नजदीक बिल्कुल पेट के
रोशनियों ने लौटना शुरू किया अपने स्रोतों की और
पृथ्वी पड़ गई दुविधा में
बाएँ से दाएँ घूमे या दाएँ से बाएँ
या हो जाए स्थिर
सितारों का टूटना शुरू हुआ आँतों में
ठीक नाभि के नीचे
ब्लैकहोल
फैल रहा अंतरिक्ष की तरह
दिमाग
खाली पेट में।