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दिल्ली कित्ती दूर ? / कुंदन माली
Kavita Kosh से
अेला-गेला
लोगां सारूं
दिल्ली
कोसां दूर है
मालिक नै
किणरी
परवा
दाढ़ाल़ो है
वीर है
टांगां टूटां-टूटां
पण जे
म्है नीं दिल्ली
पूगांला
धूल़ौ झोंको
इण दिल्ली पै
दिल्ली नुं वी
बसावांला
अला-गेला लोगां
सूं इज
दिल्ली दीखै
दिल्ली है
अेला-गेला लोग
बिनां तो
दिल्ली उण री
खिल्ली है।