Last modified on 27 जनवरी 2016, at 02:08

दिल्ली में जहानाबाद – दो / अर्पण कुमार

जहानाबाद
को सत्ता है
अपने लहुलुहान वर्तमान को
जीते जी इतिहास के घूरे पर
चले जाने के लिए

जहानाबाद
अकेला नहीं है
विश्व के मानचित्र पर

वे जहानाबाद
कितने अच्छे हैं
जो अकेले हैं
अचर्चित हैं
स्थानीय हैं

टीवी पर नहीं दिखते
अखबार में नहीं आते
मैगजीन के कवर-स्टोरी नहीं बनते

जहानाबाद सिर्फ जहानाबाद रहता है।